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घुसपैठ समस्या एक गंभीर चुनौती के रूप में हमारे सामने खरी है आज बंगला देशी घुसपैठ के कारन देश की सुरक्षा ,एकता ,अखंडता और संप्रभुता के समक्ष गंभीर खतरा उत्पन्य हुआ है जिससे सिर्फ बहुसंख्यक ही नहीं अल्पसंख्यक भी बुरी तरह से प्रभावित है
कमजोर भारत बंगलादेश बोर्डर के कारन निर्बाध रूप से हो रहे घुसपैठ से भारत का राजनीतीक सामाजिक और सांस्कृतिक छेत्र बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है ?भारत से लगी हजारो किलोमीटर की बंगलादेश सीमा आज रस्त्रविरोधी गतिविधिओ का अड्डा बन चूका है ,पशु तस्कारी,मादक पदार्तो की तस्करी के साथ साथ कई तरह से बंगलादेश हमारे सीमा का दुरूपयोग कर रहा है आसाम से लेकर बिहार ,बंगाल आज पूरी तरह से बंगलादेशी घुसपैठियो के पकड़ में है और एक बरी आबादी को आज बंगलादेशी कब्ज़ा किये हुए है .कई विधान सभा छेत्र और लोक सभा छेत्र पर बंगलादेशी हावी हो चुके है और यहाँ से रास्त्र विरोधी गतिविधया चलते है देश में हो रहे आतंकवादी घटनाओ में भी बंगलादेशी का नाम सामने आया है और देश की सुरक्षा एजेंसिया भी एस बात को मानती है केंद्र सरकार के गृहमंत्री हो या फिर सर्वोच्य नयाल्या सबने घुसपैठ की बात स्वीकार की लेकिन वोट बैंक की राजनीती ने इन नेताओ को कोई कदम उठाने से रोक दिया ऐसा लगता है .आज बिहार का किशनगंज जिला जिसे चिकेन नेक्क के नाम से भी जाना जाता है अवैध बंगलादेशी घुसपैठियो के कारन बुरी तरह से प्रभावित है यही नहीं आस पास के इलाके जो को पस्चिम्बंगल में पड़ते है वो तो और प्रभावित है खुले आम सडको पर पशु देखने को मिलेगे जे की बंगलादेश भेजे जायेगे पास ही सीमा सुरक्षा बल का सेक्टर कार्यालय मौजूद है लेकिन आज तक किसी की इक्षा शक्ति नहीं हुई की पशु तस्करी को रोका जाना चाहिए आज हमारे यहाँ के पशुओ की बदौलत बंगलादेश विश्व का सबसे बड़ा मांस निर्यातक देश बना बैठा है यही नहीं कमजोर बोर्डर के कारन आज देश में २० लाख से अधिक बंगलादेशी रह रहे है जिसका खामियाजा हमारे देश के युवा वर्ग को उठाना पद रहा है रोजगार पर आज इन घुसपैठी का कब्ज़ा है और हमारे नौजवान वो चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम दर दर की ठोकर खा रहे है कभी जिस बंगलादेशियो की आजादी में हमारी फ़ौज ने पाकिस्तान से लोहा लिया आज वही बंगलादेश पाकिस्तान के साथ मिल कर भारत विरोधी गतिविधिया चला रहा है .पुरोव्टर भारत को सेस भारत से जोड़ने वाले एक मात्र स्थल मार्ग चिकेन नेक्क (किशनगंज -इस्लाम पुर ,पछिम बंगाल )की ३० किलोमीटर की पट्टी पर इनकी आबादी आज ९० परसेंट तक पहुच गई है जिससे की जनसँख्या असंतुलन की स्तिथि प्रकट हो चुकी है आज यहाँ बंगलादेशी पूरी तरह हाबी हो चुके है किन्तु सरकार नाक्साली समस्या की तरह इस मुद्दे को भी गंभीरता से नहीं ले रही है आज जिस तरह नाक्साली भारत की एकता और अखंडता को चकनाचूर करने में लगे है उसी तरह कल बंगलादेशी भी इससे बड़ी समस्या का कारन बनेगे और कई इलाको में तो अभी से ये सिरदर्द बन चुके है तो क्यों ना जितना जल्द हो सरकार राजनितिक इक्षा सकती को मजबूत करते हुए अभी से इस मामले में कठोर कदम उठाए .
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