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कुछ लोग खुद को अधिक जागरूक और २१ वी शदी का दिखाने के लिए समय समय पर नए नए सिगुफे छोड़ने लगते है और कुछ ऐसा ही दिखाने की कोशिश में आज कल भारतीय बैडमिन्टन संघ लगा हुआ जिस्सने यह घोषणा कर दी की भारतीय महिला खिलाडियो के स्कर्ट पहन कर मैदान में उतरना होगा तभी अधिक से अधिक दर्शक बैडमिन्टन देखने मैदान तक पहुचेगे .जिस देश की सभ्यता और संस्कृति हमेशा दुसरो के लिए मिशाल रही हो ,जिस देश में बेटियो की पूजा माँ दुर्गा ,शरस्वती ,लक्ष्मी ,पार्वती के रूप में की जाती हो हमारे यहाँ आज भी दुर्गा पूजा पर कन्या पूजन किया जाता हो सभी धार्मिक कार्यो में महिलाओ या बच्चियो को आगे रखा जाता हो उसी देश में इस तरह के घिनौने कृत का क्या औचित्य है .कुछ लोग इसे रुढ़िवादी मानशिकता जरुर समझ ले लेकिन ऐसा समझने वाले लोग पहले उन देशो के आकड़ो को जरुर पढ़े जिन देशो में आज या तो विद्यालयों में बच्चो को योन शिक्षा दी जा रही हो या फिर जहा समलैंगिकता कोई गुनाह नहीं है यदि आप इन देशो पर गौर करे तो सभी स्थानों पर आज बचचिया १२ साल की उम्र में ही बच्चे की माँ बन रही है तो क्या हम भी उसी राह पर चलना चाहते है सिर्फ इस लिए की हम अमेरिका .अफ्रीका ,यूरोप जैसे विकशित देश बनना चाहते है .और खुद को अधिक प्रगति शील दिखाना चाहते है .और कुछ लाभ के लिए अपनी बेटियो को अर्धनग्न दिखा कर रूपये बटोरना चाहते है आखिर इसे क्या कहेगे ?
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