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विनायक सेन हीरो या विलेन ?

RAJESH _ REPORTER
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नक्सल समर्थक विनायक सेन को जिस तरह से योजना आयोग के स्वास्थ समिति का सदस्य केंद्र सरकार द्वारा बना दिया गया और स्वामी अगिनिवेश जैसे लोग अब विनायक को भारत रत्न देने की बात कह रहे है वही वीरप्पा मोइली भी कहा पीछे रहने वाले थे उन्होंने तो एक कदम आगे बढ़ कर देश द्रोह कानून में ही संसोधन की बात कह डाली .लगता है की ये सब उनके ऊपर लगे आरोपों को भूल गए है .न्यालय ने सेन को आरोप मुक्त नहीं किया है बरन सिर्फ उन्हें जमानत दी गई है .छात्तिश्गढ़ सरकार ने उनपर जो भी रास्त्र द्रोह के आरोप उनपर लगाये है वो काफी गंभीर है जो अभी भी छात्तिश्गढ़ सत्र न्यालय में विचारधीन है .सबसे बड़ी बात की उन्होंने खुद आज तक की सीधी बात में स्वीकार किया की उनका सम्बन्ध पियूशीएल से है और यह जगजाहिर है की पियूसीएल का नक्सालियो से सम्बन्ध है तो फिर विनायक सेन कैसे आरोप मुक्त हो गए और आरोप मुक्त नहीं हो गए तो उन्हें योजना आयोग के स्वस्थ समिति का सद्श्य कैसे बना दिया गया .विनायक सेन नारायण सान्याल और गुहा हमेशा से ही उन नाक्सालियो के समर्थक रहे है जिन्होंने एक लाल गलियारा तैयार कर लिया है और आये दिन सैकड़ो जवानो की हत्या जैसा जघन्य अपराध इनके द्वारा किये जा रहे है और उनके समर्थक है विनायक सेन जैसे लोग जो उनकी आवाज को बाहरी दुनिया तक पहुचाते है और संसाधन मुहैय्या करवाते है .छत्तीसगढ़ के dgp कहते है विनायक और नाक्सालियो में कोई अंतर नहीं है तो फिर केंद्र सरकारजो की एक और तो जवानो की मौत पर घरियाली आंशु बहाती है वही दूसरी और विनायक सेन जैसे लोग को सिर्फ जमानत मिलने पर योजना आओग जैसी महत्वपूर्ण कमिटी का सद्श्य मनोनीत कर देती है तो क्या कल कसाव ,अफजल ,दाउद इब्राहीम को भी kisi कमिटी का सदस्य मनोनीत कर दिया जायेगा क्योकि नक्सली हो या फिर जेहादी दोनों का काम तो एक ही है भारत की एकता और अखंडता को चकनाचूर करना ?

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