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स्वतंत्र भारत के इतिहाश में ऐसा पहली बार हुआ की देश के प्रधान मंत्री को देश के सामने एक बार नहीं कई बार माफ़ी मंगनी पड़ी है .कांग्रेस नित मनमोहन सरकार ने देश वशियो को ऐसे ऐसे घोटाले के दर्शन करा दिए जिसे जनता ने कभी सोचा भी नहीं होगा आज मनमोहन सरकार के एक नहीं दर्जनों मंत्री तिहाड़ जेल में बंद है इससे शर्मनाक घटना कुछ हो ही नहीं सकती .सरकार ने २ वर्ष पुरे कर लिए और इन २ वर्षो की उप्ल्भ्धियो की यदि बात की जाये तो कमान गेम घोटाला सेना भर्ती घोटाला ,रेल भर्ती घोटाला आदर्श सोसिएटी घोटाला , २ जी घोटाला से लेकर दर्जनों घोटाले हुए वही पूरा देश महगाई भ्रस्ताचार से जूझता रहा और हमारे मनमोहन सिंह जो की अर्थसास्त्री है सिर्फ घोटालो के जोड़ घटाव में फसे रहे यही नहीं २ साल में पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में ५० फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई जिससे आम जनता को दिन में ही तारे नजर आ रहे है लेकिन सरकार और उसके नुमाएंदे कुम्भ्करनी निंद्रा में सोये हुए है .एक निजी सर्वे कम्पनी द्वारा कराये गए सर्वेक्षण में पिछले २ सालो में कांग्रेस की ७ फीसदी मतों की गिरावट सामने आई है लेकिन मेरा मानना है की यदि आज चुनाव हो जाये तो यह आकड़ा ७ नहीं ७० फीसदी का होगा जिस राहुल गाँधी को कांग्रेस अपने तारण हार के रूप में देख रही है उसे सहरी मध्यम वर्ग की कितनी समझ है वह उनकी कारगुजारियो से समझा जा सकता है सहरी मध्यम वर्ग जो की १०० रूपये बाजार ले कर जाता था और झोली भर कर जरुरत के सामान लाता था लेकिन आज ५०० रूपये लेकर जाता है और पोलीथिन में सामान लेकर आता है और उसका सारा समय जोड़ घटाव में ही लग जाता है की कितना खाए और कितना बचाए अपने बच्चो के भविष्य के लिए लेकिन आम आदमी की बात करने वाली कांग्रेस सरकार अपनी नाकामियो का ठीकरा आज सहयोगियो पर फोड़ रही है परन्तु शीर्ष पद पर बैठे प्रधान मंत्री की निगरानी में ही सभी काम होते है यह सभी जानते है वही कांग्रेस नेताओ द्वारा लाभ के लिए जिस प्रकार से जातिवाद ,धर्मवाद , नक्सलवाद का समर्थन किया जा रहा है वही देश की जनता के स्वाभिमान के साथ भी खिलवार आम बात हो गई है इनके मंत्री गण कभी पाकिस्तान के सामने घुटने टेक देते है तो कभी चीन के सामने और तो और कश्मीर में खुले आम गिलानी भारत विरोधी बयान देते है और सरकार सेना के स्वाभिमान के साथ खिलवार करती है जिससे देश की जनता के साथ साथ भारतीय सेना के जवानो के मनोबल को भी तोड़ने का प्रयाश इस सरकार के मंत्रियो द्वारा किया जाता रहा है यह भी एक चिंता का विषय है कुल मिला कर यही कहा जा सकता है की अंधेर नगरी में चौपट राजा को हमने गद्दी पर बिठा दिया है .
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