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देश की आधी आबादी सदियों से संकटों का सामना कर रही है .चाहे घर हो या बाहर हर और इनके ऊपर संकट ही संकट नजर आते है .दुर्गा और लक्ष्मी की रूप में जहा पूजी जाती हो बेटिया उसी देश में हजारो लाखो बेटियों को बेच दिया जाता है वो भी कुछ रूपये लेकर और बेचने वालो में होते है लडकियो के पिता ,मामा ,जीजा या फिर नजदीकी रिश्तेदार भले ही पढाई में बेटिया अव्वल आकर माँ बाप के सपनो को साकार करने की कोशिश में जुटी हो लेकिन आज जिस तरह से हिंदुस्तान में मानव तश्करी हो रही है वो चिंता का विषय है .सुदूर ग्रामीण इलाको से अच्छी नौकरी का लालच और रहन सहन का लोभ देकर बड़े बड़े सहरो में भोली भाली बेटियो को बेचा जा रहा है और उन्हें नारकीय जिंदगी जीने को विवश किया जा रहा है . विकिपीडिया के मुताबिक पुरे देश में लगभग २० – ६५ मिलियन बेटिया या तो चकला घरो में रहने को मजबूर है या फिर बंधुआ मजदूरी कर रही है या फिर उन इलाको में उनका विवाह कर दिया गया रूपये लेकर जहा लडकिया कम है यह तो हालात है देश की बेटियो का .देश के चकला घरो में लाई जाने वाली लडकियो की स्तिथि तो अत्यंत ही दयनीय होती है दिन भर जबरन ग्राहकों के पास इन्हें भेज कर प्रतारित किया जाता है और उसके बदले इन्हें मिलती है सिर्फ २ जून की रोटी और कपडे इसके बदले तब तक इनके खून को चूसा जाता है जब तक बाजार में इनकी मांग होती है जैसे ही इनकी मांग कम होती है इन्हें सडको पर भीख मांगने के लिए छोड़ दिया जाता है भले ही सरकार ने कानून बनाया हो लेकिन इन कानूनों का पालन कितना होता है यह सब जानते है पकडे जाने पर दलालों को मात्र कुछ दिन जेल में रहना पड़ता है और लचर कानून का लाभ उठा कर फिर से ये दलाल खुला घूमते है यही नहीं इनकी पहुच इतनी ऊपर तक होती है की इनको बचने के लिए सफेदपोश खुद सामने आकर इनका बाल भी बका नहीं होने देते यही नहीं देश में कई गैर सरकारी संगठन सिर्फ मानव तश्करी के नाम पर सरकार से करोडो रूपये प्राप्त करते है लेकिन इसका लाभ बेटियो को कभी नहीं मिलता लेकिन गैर सरकारी संगठनो की पौ बारह रहती है .सरकारे कानून तो बना देती है लेकिन उसका पालन कितना हो रहा है उसे देखना अपना कर्तव्य नहीं समझती है जिसका लाभ खुले आम उठाया जाता है मानव तश्करी के मामलो में और हर दिन कोई ना कोई बेटी किसी ना किसी वजह से बिकने को मजबूर हो जाती है
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