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एक बार फिर डीजल ,एल.पी.जी .और केरोसिन के दाम में बढ़ोतरी कर केंद्र सरकार आम आदमी के सपनो को चकना चूर करने में लगी है .अब फिर से घरो में बजट बनाने पड़ेगे .मध्यम वर्ग एक एक रूपये जोड़ का जिस गृहस्ती को चलता है उसमे कटौती करनी पड़ेगी .रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली जरुरत के सामानों को कम करना पड़ेगा ,बच्चो के पॉकेट मनी भी कम हो जायेंगे ,स्कूल की फ़ीस देते समय विबसता नजर आएगी ,त्योहारों के रंग फीके हो जायेंगे विपक्षी पार्टिया फिर से एक दिन का चक्का जाम करेगी ,चाय की दुकानों पर महगाई की चर्चा होगी और चाय की चुस्की लेने के बाद अपने अपने घरो के लिए रवाना हो जायेंगे और धीरे – धीरे सब भूल कर अपने अपने कम में लग जायेंगे लेकिन इन सब से सोनिया मनमोहन को क्या लेना देना उस पर प्रणव का अहसान की मामूली बढ़त है आखिर आम आदमी पर प्रणव दा इतने अहसान मंद क्यों है .हम पिछले एक -२ वर्षो से इसी प्रकार महगाई और सरकार के वादा खिलाफी पर बहश करते है और चुप हो जाते है जिसका लाभ सरकार उठाने से नहीं चुकती और बार बार दाम बढाकर अधिकारों का हनन करती है महगाई के खिलाफ आज दिन भर विपक्षियो ने बड़ी चिल पो की और तो और ममता ने भी मूल्य वृद्धि को नाजायज बताया लेकिन निक्कमी सरकार कुभ्करनी निंद्रा में सोई हुई है .पूरी तरह से देश में आपातकाल जैसी स्तिथि कायम हो चुकी है हम इस सरकार में आघोसित आपात काल झेल रहे है आखिर कब तक सहेंगे इस सरकार को क्या नहीं लगता एक और संपूर्ण क्रांति की जरुरत है इस देश को , की निरीह बन कर सहने के बजाये आम आदमी इन नेताओ को जो खुद को हमारा भाग्य विधाता समझते है उन्हें उनकी औकात बताई जाये .
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