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राष्ट्रीय एकता परिषद् द्वारा बनाये गए सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा बिल हिन्दुओ की भावना से पूरी तरह से खिलवाड़ करने वाली है .सोनिया गाँधी और उनकी सलाहकार परिषद् सायद कुभ करनी निंद्रा में सोई हुई थी और सपने में उन्होंने इस बिल का मंसौदा तैयार कर लिया .बिल की मूल अवधारणा हिन्दू हितो पर सीधे तौर पर कुठराघात करती नजर आती है आखिर भले ही इस देश में ८० प्रतिशत हिन्दू रहते हो लेकिन आज तक के इतिहास में हिन्दुओ ने कभी भी पहले मुश्ल्मानो पर हमला नहीं किया .आज जहा जहा भी मुश्लिम समुदाय बहुसंख्यक है वहा की स्तिथि कितनी दयनीय है वो वहा के हिन्दुओ से पूछे और जानकारी ले ये कांग्रेसी की हमला वर बहुसंख्यक है या फिर अल्पसंख्यक .कश्मीर से लाखो हिन्दू भगा दिए गए .गोधरा में खुले आम हिन्दुओ को जला दिया गया .मुश्लिम इलाको में पूजा पर सोभा यात्रा निकाले जाने पर जबरन रोक दिया जाता है .खुले आम जिस गौ माता की हम पूजा करते है उन्हें काटा जाता है और कानून होने के बाद भी कोई करवाई नहीं की जाती .में आप को शिक्षक दिवस की एक घटना बताता हु पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाज पुर जिले के रामपुर बेलन हाई स्कूल की .इस विद्यालय में दोनों समुदाय के बच्चे और बच्चिया पढाई करते है किन्तु शिक्षक दिवस के दिन छोटी सी बात पर मुश्लिम समुदाय के सैकड़ो युवको ने घुस कर हिन्दू शिक्षिका की पिटाई की यहाँ तक की महिला हिन्दुओ शिक्षको और छात्राओ के साथ अभद्र व्यवहार भी किया लेकिन पुलिस करवाई नगण्य रही आखिर यह कैसा कानून है और तो और मुश्लिम समुदाय के द्वारा जबरन हिन्दू लडकियो को जाल में फसा कर उन्हें अपवित्र किया जा रहा है जिसके पुरे देश में अनेको उद्धरण है मुश्लिम लड़के हिन्दुओ का नाम रख कर भोली भाली बहनों को अपने जाल में फसा रहे है इन सब के बाबजूद राष्ट्रीय एकता परिषद् अल्पसंख्यको को पीड़ित और बहुसंख्यको को अन्यायी बनाने पर जुटी है तो इसके गंभीर परिणाम, पुरे देश को भुगतने पड़ेंगे इसमे कोई दो राय नहीं है .पूरा का पूरा बिल हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रतिक है की किस तरह सोनिया और उनकी मंडली ने धर्मनिरपेक्षता के ताने बाने में साम्प्रदायिकता फ़ैलाने की कोसिस की है .
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