- 169 Posts
- 304 Comments
अप्रैल के महीने से आरम्भ हुई जन लोक पाल बिल की कथा अब समाप्ति की और है .पुरे आठ महीने तक सिविल सोसाएटी और सरकार के बिच उठा पटक चलती रही विपक्ष मजा लेता रहा क्योकि अन्ना के रूप में उसे एक जबरदस्त बैठे बिठाये ही सरकार की खटिया हिला देने वाला इन्सान मिल चूका था लेकिन कांग्रेस सरकार भी खुद को अन्ना के आन्दोलन से बचाए रखते हुए सारी शर्मिंदगी को तोड़ कर ऐसी निर्लज्जता दिखाई की अन्ना टीम को ही बार बार कटघरे में खड़ा कर दिया कभी किरण बेदी तो कभी केजरीवाल को ऐसा निशाने पर लिया जैसे सरकार अपनी सारी मर्यादा तोड़ कर उसका एक ही कर्तव्य बचा हो की हर हालत में सरकार को बचाना है और मनमोहन सिंह ने अपनी तिकड़ी कपिल सिब्बल ,प्रणव मुखर्जी ,दिग्विजय सिंह को अन्ना टीम पर हमला बोलने की पूरी छुट दे दी .भारतीय लोक तंत्र में यह पहली बार हुआ की राजनेता गद्दी बचाने के लिए खुद को जनता से ऊपर समझने लगे .देश की पूरी जनता एक तरफ और २४७ लोग एक तरफ ऐसे ऐसे खेल खेले इन नेताओ ने की आम जनता को आज देश के नेताओ से नफरत सी हो गई है .कभी अन्ना को संघ का एजेंट बताया कभी अन्ना को विदेशी ताकतों के हाथो का खिलौना बार बार अन्ना टीम को कांग्रेस नेताओ ने आश्वाशन दिया जन लोक पाल लागु करने का वायदा किया लेकिन किया वही जो इनके मन में आया मतलब पंच की बात मानेगे लेकिन खुटा वही गाड़ेंगे और अब लोक पाल बिल लोक सभा में पारित किया जा चूका है और राज्य सभा में पास करवाने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन पूरा देश जिस लोक पाल बिल की चाहत रखता था वो बिल नही आया .तो क्या भारत की संसद १२० करोड़ भारतीय से ऊपर है और 572 लोग ही हमारे भाग्य विधाता है हम भारतीयों को देश से भार्स्ताचार दूर हो ऐसा सोचने का कोई हक़ नहीं है देश लुटता रहे पिटता रहे और १२० कड़ोड़ लोग मूकदर्शक बन देखते रहे अब इस देश में क्या यही होने वाला है अन्ना टीम का हश्र देख कर तो ऐसा ही लगता है क्योकि अब अन्ना का अनसन भी समाप्त हो चूका है सोनिया और राहुल के घर के सामने धरने का कार्यक्रम भी टल चूका है अन्ना अब ५ राज्यों में होने वाले चुनाव क्षेत्र का दौरा करने जा रहे है जिसका नतीजा हम सबो को मालूम है की क्या होने वाला है इस लिए लगता तो यही है की अन्य विधेयको की तरह ही जन लोक पाल विधेयक भी अब ठंढे बसते में ही जाने वाला है तो चलिए दोस्तों अन्ना जिन्होंने भ्रस्ताचार से आम जनता को अवगत करवाया उन्ही को समर्पित अथ श्री जनलोकपाल कथाये स्वाहा ……
Read Comments