Menu
blogid : 2623 postid : 324

मेरा गाँव

RAJESH _ REPORTER
RAJESH _ REPORTER
  • 169 Posts
  • 304 Comments


किशनगंज प्राचीन काल में कृष्णगंज ,रमजानगंज आदि नाम से जाना जानेवाला एक अतिमहत्वपूर्ण नगर है / ऐतेहासिक दृष्टिकोण से देखे तो महाभारात काल में पांडवों का अज्ञात वाश यही बिता,जिसके निशान जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में आज भी दीखते है,कोचाधामन प्रखंड में भी कई ऐतिहशिक साक्ष्य मिलते है पालवंश से मुग़लकाल तक का जिले सफ़र अपनी ऐतिहशिकता को प्रमाणित करता है/आज भी यहाँ रमजान नदी सहर के मध्य से गुजर कर दर्शाती है की जिले का वैभवशाली इतिहास रहा है , जिले में 66 फीसदी मुस्लिम तथा 34 फीसदी हिन्दू निवास करते है,लेकिन यहाँ मंदिर की घंटियों तथा मस्जिद के आजान में सामप्रदायिक सदभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है/ भौगोलिक रूप से देखें तो भारतीय मानचित्र पर यह जिला बिहार राज्य में है,लेकिन महत्त्व अंतराष्ट्रीय स्तर का रखता है/जिला एक तरफ से बंगलादेश दूसरी ओर नेपाल से जुड़ा है, जिले को चिकेन नेक के नाम से जाना भी जाता है ! जिले में चार विधानसभा क्षेत्र तथा सात प्रखंड और लगभग 17 लाख की आबादी है ! जिला राजनीतिक रूप से इतना महतवपूर्ण रहा की कई राष्ट्रीय नेताओं ने अपने करियर की शुरुआत यही से की/ आर्थिक आधर जिले का काफी मजबूत है/लेकिन उसके विकास पर ध्यान नहीं दिया जाता है,जिले में प्लाईवूड, चाय, जुट उद्योग को बढ़ावा देने से जिला राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम कर सकता है ! जिले में व्यापात समस्याओं की बात करें तो गिनती करते थक जायेंगे,हलाकि पुरे देश की समस्या “बसपा” के नाम से जानी जाती है,यानि बिजली, पानी, सड़क !लेकिन यहाँ की समस्या कुछ अलग ही रही है बिजली पानी सड़क की समस्या कभी कोई मुद्दा नहीं बन पाया जिले में आजादी के 64 वर्षो बाद भी आधारभुत संरचना तक उभर कर सामने नहीं आ पाया लोग आज भी गुमनामियो के अधेरे में ही जी रहे है जिला पुरे देश में शिक्षा क्षेत्र में सबसे निचले पायदान पर खड़ा है,अब कही जा कर कुछ काम इस क्षेत्र में हो रहे है जिसका नतीजा है की बिहार के मानचित्र पर किशनगंज ने अपना छाप छोड़ना आरम्भ कर दिया है यहाँ के युवाओ में अब कुछ करने की क्षमता ने सुगबुगाहट ली है जिससे जिले की खोई हुई पहचान मिलने की सम्भावना ने जन्म लिया है / किशनगंज में जनता की मुलभुत समस्याएँ कभी चुनावी मुद्दा नहीं बन सकी ! वर्त्तमान संसद मौलाना असरारुल हक़ हो या तस्लीमुद्दीन , ऍम.जे अकबर , सय्यद शाहबुद्दीन और भाजपा के युवा सांसद सहनावाज़ हुसैन तक ने यहाँ का प्रतिनिधत्व क्या है जो की एक बड़ी बात है लेकिन जितना विकाश इस जिले का होना चाहिए वो नहीं हो पाया वोट बैंक की राजनीती ने जिले को और पीछे ठेलने का काम किया भाजपा सांसद सह्नावज हुसैन ने जिले में कुछ विकास कार्यो को गति दी तथा अमली-जामा पहनाया और अब जिम्मेवारी कांग्रेसी सांसद मौलाना साहब के ऊपर है जिले में विकाश की गति वो किस और ले जाते है वो निकट भविष्य में पता चल जायेगा और आप भी वाकिफ हो जायेंगे और कुछ तो इन बीते वर्षो में पता चल ही गया है / मौलाना साहब कितने सफल होते है ये तो जनता जनरदन ही तय कर सकती है . अगर जिले की अन्य बड़ी समस्याओ पर गौर करें तो यहाँ नेपाल ,बंगलादेश से हो रही अवैध तस्करी एक बड़ा मुद्दा है और जो व्यवसाय का रूप ले चुकी है ! नेपाल सीमा से सटा होने की वजह से नेपाल में घटनेवाली घटनाओ का असर जिले पर व्यापक असर डालता है देश में हुए कई अपराधों में नेपाल के रास्ते किशनगंज होकर अपराधियों का घुसपैठ शामिल है ! जो आज भी जारी है ! चाय बगान के बढ़ोतरी के बाद भी मजदूरों का पलायन ! दूसरी ओर सबसे बड़ी समस्या बंगलादेश से हो रही घुसपैठ का जो जनसंख्या में प्रत्येक वर्ष 12 फीसदी की बढ़ोतरी कर रहा है जिसका नतीजा भौगोलिक स्तर पर पड़ रहा है घुसपैठ की वजह से स्थानीय लोगो के रोजगार में कमी आई है बड़े पैमाने पर घुसपैठियो ने बाजार पर कब्ज़ा जमा लिया है इससे किसी एक वर्ग या समुदाय को नुकशान नहीं सभी वर्गों को है/जिसके गंभीर परिणाम किशनगंज को झेलने पड़ सकते है ऐसी अवधारणा भारतीय सुरक्षावलो को भी है जिस वजह से यहाँ बी एस ऍफ़ ,एस एस बी की तैनाती की गई है जिला तरक्की की राह में आगे बढे और खोई हुई पहचान कायम करे जिले के युवा अपनी मह्हता को पहचाने ताकि जिले की खोई हुई पहचान मिल सके .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh