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पाकिस्तान का अंत हम भारतीयों का सपना ?

RAJESH _ REPORTER
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वर्ष १९४७ भारत का बटवारा एक अलग देश पाकिस्तान का जन्म हम भारतीयों ने सोचा सायद इन्हें अब शांति मिल जाएगी लेकिन यह तत्कालीन हुक्मरानो की बहुत बड़ी भूल साबित हुई और उनकी भूल का खामियाजा हम आज 67 वर्ष बीत जाने के बाद भी भुगत रहे है कहने को तो दुनिया के तमाम देशो ने पाकिस्तान को एक आतंकी मुल्क घोषित कर दिया लेकिन परोक्ष रूप से इन्ही मुल्को ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में आतंक फ़ैलाने की छुट दे रखी है क्योकि पाकिस्तान इन देशो से बड़े पैमने पर हथियार खरीदता है जिसका उधारण हमने अनेको मामले में देखा और परखा है ? जवाहर लाल नेहरु से लेकर वर्त्तमान प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह तक ने पाकिस्तान से समय समय पर समझौते किये लेकिन पाकिस्तान द्वारा तमाम समझौतों को दरकिनार किया गया और हम मूकदर्शक बन देखते रहे शिमला समझौता हो या आगरा समझौता लेकिन पाकिस्तान ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी . नियंत्रण रेखा पर बार बार अतिक्रमण और युद्ध विराम का उलंघन करके पाकिस्तान ने अपनी नियत को जाहिर किया और हम दोस्ती का एकतरफा प्रयाश करते रहे खोखली चतावनी देते रहे लेकिन उनके द्वारा हमले और तेज कर दिए गये जिसका नतीजा है की आज कश्मीर का बड़ा भू भाग उनके कब्जे में है जहा से आतंकी गत्विधियो का सञ्चालन बड़े पैमाने पर हो रहा है हमारे जवान सरकार की नपुंसकता की वजह से मारे जा रहे है जबकि हम बार बार सुरक्षा परिषद् और अमरीका के सामने गुहार लगाते रहे है क्या यह हमारी सुरक्षा और विदेश निति पर सवालिया निसान नहीं खड़े करता ऐसे में जब आये दिन पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम का उलंघन करके नियंत्रण रेखा पर फायरिंग की जा रही हो जवानो के साथ साथ निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हो तब क्या बात चित से समस्या का हल संभव है मेरे विचार से नहीं क्योकि ” लातो के भुत बातो से नहीं मानते “हो सकता है आप मेरे विचारो से सहमत ना हो लेकिन यही सच है आप में से कुछ कहेंगे युद्ध समस्या का समाधान नहीं है ? युद्ध से महंगाई बढ़ेगी ? तो भैया आज भी महंगाई कहा कम है याद कीजये लाल बहादुर शास्त्री जी , इंद्रा गाँधी और अटल बिहारी बाजपाई जी को जिन्होंने पाकिस्तान और चीन को छटी का दूध याद दिलाया था और आम जनता से अपील की थी एक समय का भोजन बचाने की और हम युद्ध में विजयी हुए थे 90000 हजार पाकिस्तानी सैनिको को बंदी बनाया गया था . विश्व में सबसे अधिक युवाओ वाले देश है हम और हमारे युवा जब सेना में नौकरी के लिए घुश देते हो तो समझये युवाओ की भावना को जब सरीर का एक अंग ख़राब हो जाता है तो उसे डॉक्टर काट कर हटा देते है की कही बीमार अंग अन्य अंगो को भी ख़राब ना कर दे यहाँ पाकिस्तान हमारा पडोसी है जो बार बार हमारे सैनिको पर हमले कर रहा है देश का युवा अब यही सपना देखता है भले एक समय भूखा रहना पड़े लेकिन ऐसे पडोशी का अंत होना चाहिए . “अब नगाड़ा बज चूका है सीमा पर सैतान का नक्से पर से नाम मिटा दो पापी पाकिस्तान का ” वन्दे मातरम

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