- 169 Posts
- 304 Comments
लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को मिली करारी सिकस्त के बाद नितीश कुमार ने गद्दी छोड़ कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जीतन राम मांझी को अपने दूत की तरह आसीन कर दिया लेकिन आज वही जीतन राम मांझी नितीश कुमार की गले की हड्डी बन चुके है जिसे अब नितीश कुमार को ना निगलते बन रहा है और ना ही उगलते .सूबे के मुखिया जीतन राम मांझी ऐसे धुरंधर खिलाडी निकलेंगे नितीश कुमार ने कभी सोचा भी नहीं होगा .मकरसंक्रांति के दिन जब पूरा बिहार छुड़ा दही खाने में व्यस्त था मांझी जी अपनी अलग ही राजनितिक रोटी सेकने में मसगुल थे एक और जहा लालू प्रसाद द्वारा आयोजित भोज में सिरकत कर गठबंधन की राजनीती को कृतार्थ किया वही दूसरी और मांझी लालू के साले सुभाष के यहाँ भी पहुंच कर सब को चौका कर रख दिया जिसके बाद तो बिहार के राजनीती में ही भूचाल आ चूका है नरेंद्र सिंह जैसे नेताओ को अब नितीश कैंप द्वारा धमकी तक दी जा रही है की सरकार पसंद नहीं तो मंत्री पद छोड़ दे वही नितीश कुमार अभी पुरे घटना क्रम पर चुप्पी साधे हुए है लेकिन उनके शागिर्दों द्वारा अब पुनः मुख्यमंत्री की कुर्सी सम्हालने और सुसाशन की सरकार को गति देने की बात कही जा रही है ऐसे में मांझी जिन्हे अपने कार्यकाल में अच्छे काम के जरिये तो नहीं बयानों के जरिये ही आठ महीने तक कुर्सी सम्हाला है और कभी मोदी जी की तारीफ तो कभी कागजो पर ही बिहार को टॉप करवाने की बात कह कर सुर्ख़ियो में रहे है क्या करते है देखना दिलचस्प हो गया है लेकिन मांझी जी ने एक समझदार राजनीतिज्ञ की तरह एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है की राजनीती में कभी कोई सगा नहीं होता है कभी लालू यादव कहा करते थे ऐसा कोई सगा नहीं नितीश ने जिसे ठगा नहीं अब नितीश कुमार खुद ही ठगे हुए नजर आ रहे है .
Read Comments