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भारतीय जनता पार्टी और पी डी पी गठबंधन की जम्मू कश्मीर में सरकार बने अभी पुरे हफ्ते भी नहीं बीते है की मुफ़्ती ने भाजपा को औकात दिखाना सुरु कर दिया है .मुख्यमंत्री की सपथ लेने के तुरंत बाद जहा मुफ़्ती ने कश्मीर में चुनाव के लिए अलगाववादी नेताओ और पाकिस्तान को धन्यवाद दिया वही अब मसरत आलम जैसे अलगाव वादी नेता जो की चार सालो से जेल में बंद था को रिहा कर दिया अब भाजपा नेतृत्व को मुफ़्ती ना तो उगलते बन रहे है और ना ही निगलते जिसकी वजह से वैसे समर्थक जिन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था यह सोच कर की जम्मू कश्मीर के विस्थापित कश्मीरी पंडितो के अच्छे दिन आएंगे के साथ साथ पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भाजपा कश्मीर में राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करेगी को गहरा आघात लगा है यही नहीं जब से मुफ़्ती और उनकी बेटी ने सत्ता संभाला है तब से ही एक ऐसा धड़ा जो की हमेसा से कश्मीर की लड़ाई संसद से सड़क तक लड़ती रही उसका भी भाजपा से मोहभंग हो रहा है की इंडिया फर्स्ट जैसे नारे देने वाले प्रधान मंत्री की मौजूदगी में ऐसे व्यक्ति को कैसे समर्थन दे दिया गया जो हमेसा से पाकिस्तान परस्त रहा है और उसकी सियासत ही आतंकियों और अलगाव वादियों की वजह से चलती रही है . आखिर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने की इतनी बड़ी मज़बूरी क्या थी . क्या भाजपा का लक्ष्य भी सिर्फ सत्ता हासिल करना रह गया है या फिर पचास सालो से विपक्ष में बैठते बैठते थक चुके नेता भी सत्ता का रसास्वादन करने को आतुर थे जिसकी वजह से ऐसा निर्णय लेना पड़ा मामला जो भी हो लेकिन है काफी गंभीर क्योकि भाजपा और संघ परिवार से करोडो लोगो की आस्था जुडी हुई है और ऐसे में करोडो लोगो की आस्था से खिलवाड़ कर सत्ता प्राप्ति के लिए बेमेल गठबंधन करना भाजपा को रसातल में ले जाने वाला साबित हो सकता है इसलिए भाजपा नेतृत्व को सख्त कदम उठाते हुए मुफ़्ती से पूछना चाहिए की उनकी आस्था भारतीय संविधान में कितनी है अगर मुफ़्ती की आस्था भारतीय संविधान में है तो ठीक अन्यथा भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले और जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति साशन लगा कर अपनी इज्जत का फालूदा होने से बचाये क्योकि इस बार यदि जनता का मोहभंग हुआ तो दुबारा सत्ता प्राप्त करना असंभव हो जायेगा कांग्रेस की बी टीम की तरह काम करना छोड़ कर भाजपा जिन मुद्दो पर चुनाव लड़ती आई है उन मुद्दो को छोड़ कर तुष्टिकरण की राजनीती करके भाजपा आगे नहीं बढ़ सकती ऐसा मानना पड़ेगा और इसका असर आने वाले विधान सभा चुनाव पर पड़ेगा .कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वाले माननीय प्रधान मंत्री जी को भाजपा को कांग्रेस बनने से रोकने के लिए स्वयम पहल करना चाहिए साथ ही संघ को भी सरकार के काम काज पर निगरानी रखने की जरुरत है ताकि पार्टी की गरिमा धूमिल ना हो /
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