Menu
blogid : 2623 postid : 1011229

स्वतंत्रता दिवस के बहाने ?

RAJESH _ REPORTER
RAJESH _ REPORTER
  • 169 Posts
  • 304 Comments

देश ६९ वा स्वतंत्रता दिवस मानाने जा रहा है . लाल किले के प्राचीर से दूसरी बार बतौर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराएंगे पिछले वर्ष मोदी जी ने जब पहली बार लाल किले के प्राचीर से झंडा फहराया तो देश उत्साह से लबरेज था की एक युवा प्रधान मंत्री के हाथो में देश नई उचाईयो को प्राप्त करेगा . योजनाये अब कागजो तक ही सिमटी नहीं रहेगी , योजनाओ को मूर्त रूप देने वाला प्रधान मंत्री अब इस देश में है जो कहता है की ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा , देश की और आँख दिखाने वाले अब आँख दिखाने की हिम्मत नहीं करेंगे , राम राज का सपना साकार होगा विदेशो में हिंदुस्तान की धाक होगी हर और अमन चैन का वातावरण होगा और भी ना जाने कितने सपने अच्छे दिनों की आस में आम हिन्दुस्तानियो ने देखने आरम्भ कर दिए थे ,लेकिन इन एक वर्षो से भी अधिक समय में अगर जमीनी स्तर पर नई सरकार की उपलब्धियों को देखा जाए तो अब वो तमाम मुद्दे एक बार फिर से ठंढे बस्ते में भाजपा सरकार ने डाल दिए है जिसकी उम्मीद पर देश की गरीब जनता ने पूर्ण बहुमत प्रदान किया था . ऐसा नहीं है की सरकार ने काम नहीं किया या योजनाये नहीं बनाई योजनाये भी बानी और सरकार काम भी करना चाहती है लेकिन जितनी उम्मीद जनता ने सरकार से पाल रखा था उसपर अब तक यह सरकार खरी नहीं उतरी है यह अब कोई अदना सा व्यक्ति भी कह सकता है . भरस्टाचार पर कभी संसद ना चलने देने वाली सरकार अब खुद ही विपक्ष द्वारा कटघरे में खड़ी कर दी गई है संसद का सत्र पूरी तरह बेकार चला गया लेकिन जनता के हित में सरकार कोई फैसला नहीं ले सकी हलाकि यह विपक्ष की तानासाही कही जा सकती है लेकिन सवाल उठता है की अब तक इस सरकार के द्वारा कितने भ्र्स्ताचारियो को जेल भेजा गया चाहे शीला दिक्षित हो या फिर कन्नी मोई ए राजा या फिर दयानिधि मारन और ना जाने कितने नाम खुले आम घूम रहे है और उन कार्यकर्ताओ का मुह चिढ़ा रहे है जो कहते नहीं थकते थे की भाजपा सरकार आई तो इनका घर जेल की काल कोठरी होगी अब वही कार्यकर्त्ता मुह चुरा कर कन्नी काट निकल जाने पर मजबूर है सबसे बुरी स्थिति तो जम्मू कश्मीर में देखने को मिली जिसको कल तक आतंकियों का पैरोकार कहा जाता था उसी के साथ सरकार बना कर आज सत्ता का मजा लूट रहे है सारी की सारी नैतिकता धरी की धरी रह गई और मसरत रिहा हो गया , गिलानी खुले आम चेतावनी देता घूम रहा है पाकिस्तान लगातार सीमा पर सीज़ फायर का उलंघन कर रहा है जवानो की मौत आम हो गई और सरकार वार्ता पर वार्ता करने में व्यस्त है . काल धन पर एसआईटी के गठन के बाद से करवाई होती नहीं दिख रही , स्किल इंडिया के तहत बेरोजगारो को रोजगार प्रदान करने की बात कही गई है लेकिन अभी यह एक सपना ही है जैसे की स्वक्षता अभियान चला कर आम जनता को स्वच्छ बनाने का सपना पीएम साहब ने देखा लेकिन आम जनता कब जागरूक होगी और कब यह सपना साकार होगा उसी प्रकार किसानो के लिए प्रधान मंत्री सिचाई योजना भी जमीन पर कही नजर नहीं आ रही है अटल ज्योति योजना भरस्टाचार की भेट चढ़ रही है . देश में बेरोजगारी का आलम ऐसा है की किसी कार्यालय में चपरासी के एक रिक्त पद के लिए आवेदन मंगाए जाते है तो वहा २० हजार ऐसे युवक आवेदन देते है जो की पोस्ट ग्रेजुएट है .बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या का सिलशिला थमने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन संसद में माल महाजन का मिर्जा खेले होली वाली कहावत चरितार्थ हो रही है ? सरकार ने पोर्न पर प्रतिबन्ध लगाया लोगो को खुसी हुई लेकिन दूसरे दिन ही तब निराशा हाथ लगी जब सरकार के मंत्री ने कहा की हम किसी के बैडरूम में नहीं झांक सकते आखिर ऐसे में जिन अच्छे दिनों की आस में झोली भर कर जनता ने समर्थन दिया था वो क्या करे कभी दूसरे को मजबूर कह कर चिढ़ाने वाले आज खुद ही मजबूर दिख रहे है इस लिए प्रधान मंत्री जी इन एक से अधिक वर्षो में जो हुआ जाने दे जनता ने आप से काफी उम्मीद पाल रखा है . जनता समझदार है वो विपक्ष के पंद्रह लाख के बहकावे में नहीं आएगी उसे बैंक खातों में पंद्रह लाख नहीं चाहिए . जनता को सिर्फ रोटी कपडा और मकान चाहिए .भरस्टाचार मुक्त भारत चाहिए ,किसानो को खेतो में पानी और खाद चाहिए , खुले आसमान में सोने वालो को एक अदना सा छत चाहिए , ट्रेनों में आरामदायक सफर ,चाहिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी चाहिए बच्चो को शिक्षा का अधिकार चाहिए गौ माता के ललाट पर मुश्कान चाहिए आतंकियों के लिए कब्रिस्तान चाहिए …….

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh